Aarogya Setu ऐप 9 करोड़ लोगो ने किया डाउनलोड, सरकार का दावा
हाल ही में एक फ्रांसीसी हैकर ने दावा किया कि Aarogya Setu ऐप में एक "सिक्योरिटी लूपहोल" है, जिसने करोड़ों भारतीयों की प्राइवेसी को दांव पर लगा दिया है। हालांकि सरकार ने इस दावे को सिरे से नाकार दिया है।
Aarogya Setu ऐप को गूगल प्ले स्टोर और ऐप्पल ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है
Aarogya Setu ऐप को 2 अप्रैल को कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप के रूप में लॉन्च किया गया था। ऐप को कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयार किया गया है। यह ऐप यूज़र के मोबाइल पर ब्लूटूथ और जीपीएस का इस्तेमाल कर उसे आसपास के अन्य कोरोनावायरस संक्रमित यूज़र की जानकारी देता है। लॉन्च के कुछ दिनों के अंदर ही आरोग्य सेतु ऐप को करोड़ो बार डाउनलोड कर लिया गया था और अब लेटेस्ट जानकारी के मुताबिक, इस ऐप 4 मई तक 9 करोड़ से अधिक लोगो ने डाउनलोड कर लिया है। इसकी एक वजह यह भी है कि हाल ही में सराकर ने इस ऐप को सभी सरकारी और निजी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया था।
COVID-19 पर हुई ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की 14वीं बैठक के दौरान मंगलवार को अधिकारियों ने इस खबर की जानकारी दी। इस बैठक में अधिकारियों ने आरोग्य सेतु ऐप के "प्रदर्शन, प्रभाव और लाभ" से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की।
जैसा कि हमने बताया कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन यूज़र्स को यह पहचानने में मदद करता है कि उन्हें COVID-19 का खतरा है या नहीं। यह कोरोनोवायरस और इसके लक्षणों से बचने के तरीकों सहित लोगों को कई महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करता है। हालांकि लॉन्च के बाद से ही कुछ ग्रुप्स ने इस ऐप को यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए खतरा बताया और इसकी आलोचना की।
इतना ही नहीं, फ्रांस के एक सिक्योरिटी रिसर्चर Robert Baptiste ने दावा किया कि Aarogya Setu ऐप में एक "सिक्योरिटी लूपहोल" यानी एक ऐसी समस्या शामिल है, जिसने करोड़ों भारतीयों की प्राइवेसी को दांव पर लगा दिया है। रिसर्चर ने मंगलवार को सरकार के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप में कथित सुरक्षा मुद्दे के बारे में सरकार और उसके 1.67 लाख से अधिक फॉलोअर्स को सूचित करने के लिए ट्वीट किया। हालांकि यह भी पता चला है कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने समस्या को समझने के लिए इस हैकर को तुरंत संपर्क भी किया और बाद में इस हैकर के दावे का खंडन कर दिया।
COVID-19 पर हुई ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की 14वीं बैठक के दौरान मंगलवार को अधिकारियों ने इस खबर की जानकारी दी। इस बैठक में अधिकारियों ने आरोग्य सेतु ऐप के "प्रदर्शन, प्रभाव और लाभ" से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की।
जैसा कि हमने बताया कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन यूज़र्स को यह पहचानने में मदद करता है कि उन्हें COVID-19 का खतरा है या नहीं। यह कोरोनोवायरस और इसके लक्षणों से बचने के तरीकों सहित लोगों को कई महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करता है। हालांकि लॉन्च के बाद से ही कुछ ग्रुप्स ने इस ऐप को यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए खतरा बताया और इसकी आलोचना की।
इतना ही नहीं, फ्रांस के एक सिक्योरिटी रिसर्चर Robert Baptiste ने दावा किया कि Aarogya Setu ऐप में एक "सिक्योरिटी लूपहोल" यानी एक ऐसी समस्या शामिल है, जिसने करोड़ों भारतीयों की प्राइवेसी को दांव पर लगा दिया है। रिसर्चर ने मंगलवार को सरकार के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप में कथित सुरक्षा मुद्दे के बारे में सरकार और उसके 1.67 लाख से अधिक फॉलोअर्स को सूचित करने के लिए ट्वीट किया। हालांकि यह भी पता चला है कि भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-In) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने समस्या को समझने के लिए इस हैकर को तुरंत संपर्क भी किया और बाद में इस हैकर के दावे का खंडन कर दिया।
इस नैतिक हैकर द्वारा इस ऐप में संभावित सुरक्षा समस्या का दावा किए जाने के बाद और विपक्षी कांग्रेस नेताओं की आलोचनाओं के बाद बुधवार को सरकार ने कहा कि आरोग्य सेतु में कोई डेटा या सिक्योरिटी लूपहोल नहीं है।
No comments